BSP सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी को बताया दलित विरोधी पार्टी, कहा- कांग्रेस भुगत रही परिणाम
चंडीगढ़
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के संस्थापक कांशीराम जयंती पर आयोजित चंडीगढ़ में रैली में मायावती ने बीजेपी-कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि बीजेपी हमेशा हवा-हवाई वादे और खोखले वादे करके अति पिछड़े वर्ग का वोट छीनना चाहती है। बीजेपी को पूंजीवादी, संकीर्ण और सांप्रदायिक विचारधारा की पार्टी करार देते हुए मायावती ने कहा कि उसके राज्य में गरीबों, कमजोर वर्ग, मुस्लिम, अल्पसंख्यक और किसानों का हर स्तर पर शोषण हुआ है।
'वीपी सिंह ने हमारी शर्त नहीं मानी'
वहीं कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा, 'कांग्रेस ने अपने शासनकाल में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर को भारत रत्न भी नहीं दिया था। इन दोनों बातों का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा।'
मायावती ने कहा, 'वीपी सिंह की सरकार ने हमारी दोनों शर्तें मानी और मंडल आयोग की सिफारिशें लागू की। अब पूरे देश में दलितों आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को बीजेपी और अन्य विरोधी पार्टियों की गलत नीतियों के बारे में संकीर्ण, पार्टियों को रोकना होगा।
'मंडल कमीशन को लागू कराने में बीएसपी ने निभाई भूमिका'
बीजेपी को दलित विरोधी पार्टी बताते हुए मायावती ने कहा, 'दलितों को बीएसपी से दूर रखने के लिए विरोधी पार्टियों ने ऐसा जताया है कि जैसे बीएसपी इन वर्गों को आरक्षण दिए जाने के खिलाफ हो। जबकि वास्तव में मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू कराने में बीएसपी ने ही अहम भूमिका निभाई। इसके लिए हमने खूब संघर्ष भी किया।' बीएसपी सुप्रीमो ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह आरक्षण की व्यवस्था खत्म करने की साजिश कर रही है। बीएसपी सरकार अन्य पिछड़े वर्गों को भी आरक्षण देने के पक्ष में है।
'पंजाब के नेताओं को यूपी से कुछ मिलने वाला नहीं है'
उन्होंने कहा कि पंजाब की सरकारों ने दलितों को हमेशा नजरअंदाज किया है इसलिए कार्यकर्ताओं को अब खुद मेहनत करनी पड़ेगी। पार्टी को खड़ा करने के लिए खुद संघर्ष करना होगा। मायावती ने पंजाब के कार्यकर्ताओं को कड़ी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि पंजाब में जिन लोगों को पार्टी संगठन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उन्हें आगे यूपी से कुछ भी मिलने वाला है। यहां लोगों को अपनी खुद की मेहनत से ही हासिल करना होगा।
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